Rahat Indori Shayari In Hindi – राहत इंदौरी शायरी

Rahat Indori Shayari In Hindi

Rahat Indori Shayari In Hindi

मेरी सांसों में समाया भी बहुत लगता है,
और वही शख्स पराया भी बहुत लगता है,
उससे मिलने की तमन्ना भी बहुत है लेकिन
आने जाने में किराया भी बहुत लगता है।


Rahat Indori Best Shayari
Rahat Indori Best Shayari

फैसला जो कुछ भी हो, हमें मंजूर होना चाहिए,
जंग हो या इश्क हो, भरपूर होना चाहिए,
भूलना भी हैं, जरुरी याद रखने के लिए,
पास रहना है, तो थोडा दूर होना चाहिए।


राहत इंदौरी शायरी

ये सहारा जो नहीं हो तो परेशान हो जाएँ,
मुश्किलें जान ही लेलें अगर आसान हो जाएँ,
ये जो कुछ लोग फरिश्तों से बने फिरते हैं,
मेरे हत्थे कभी चढ़ जाएँ तो इंसान हो जाएँ।


Rahat Indori Shayari
Rahat Indori Shayari

धनक है, रंग है, एहसास है की खुशबू है,
चमक है, नूर है, मुस्कान है के आँसू है,
मैं नाम क्या दूं उजालों की इन लकीरों को,
खनक है, रक्स है, आवाज़ है की जादू है।


जहाँ से गुजरो धुआं बिछा दो,
जहाँ भी पहुंचो धमाल कर दो,
तुम्हें सियासत ने हक दिया है,
हरी जमीनों को लाल कर दो।


सूरज, सितारे, चाँद मेरे साथ में रहें,
जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहें,
शाखों से टूट जाए वो पत्ते नहीं हैं हम,
आंधी से कोई कह दे की औकात में रहें।

 

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शहरों में तो बारुदों का मौसम है,
गांव चलो अमरूदों का मौसम है,
सूख चुके हैं सारे फूल फरिश्तों के,
बागों में नमरूदों का मौसम है।


इश्क ने गूथें थे जो गजरे नुकीले हो गए,
तेरे हाथों में तो ये कंगन भी ढीले हो गए,
फूल बेचारे अकेले रह गए है शाख पर,
गाँव की सब तितलियों के हाथ पीले हो गए।


दिलों में आग, लबों पर गुलाब रखते हैं,
सब अपने चहेरों पर, दोहरी नकाब रखते हैं,
हमें चराग समझ कर भुझा ना पाओगे,
हम अपने घर में कई आफ़ताब रखते हैं।


Rahat Indori Ki Shayari

Rahat Indori Ki Shayari
Rahat Indori Ki Shayari

नयी हवाओं की सोहबत बिगाड़ देती हैं,
कबूतरों को खुली छत बिगाड़ देती हैं,
जो जुर्म करते है इतने बुरे नहीं होते,
सज़ा न देके अदालत बिगाड़ देती हैं।


तन्हाई ले जाती है जहाँ तक याद तुम्हारी,
वही से शुरू होती है ज़िन्दगी हमारी,
नहीं सोचा था चाहेंगे हम तुम्हे इस कदर,
पर अब तो बन गए हो तुम किस्मत हमारी।

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आग के पास कभी मोम को लाकर देखूँ,
हो इज़ाज़त तो तुझे हाथ लगाकर देखूँ,
दिल का मंदिर बड़ा वीरान नज़र आता है,
सोचता हूँ तेरी तस्वीर लगाकर देखूँ।


कही अकेले में मिलकर झंझोड़ दूँगा उसे,
जहाँ जहाँ से वो टूटा है जोड़ दूँगा उसे,
मुझे वो छोड़ गया ये कमाल है उस का,
इरादा मैंने किया था की छोड़ दूँगा उसे।


Shayari Of Rahat Indori

Shayari Of Rahat Indori
Shayari Of Rahat Indori

रोज़ तारों को नुमाइश में खलल पड़ता हैं,
चाँद पागल हैं अन्धेरें में निकल पड़ता हैं,
उसकी याद आई हैं सांसों, जरा धीरे चलो,
धडकनों से भी इबादत में खलल पड़ता हैं।


लवे दीयों की हवा में उछालते रहना,
गुलो के रंग पे तेजाब डालते रहना,
में नूर बन के ज़माने में फ़ैल जाऊँगा,
तुम आफताब में कीड़े निकालते रहना।


मेरे चेहरे पे कफ़न ना डालो,
मुझे आदत है मुस्कुराने की,
मेरी लाश को ना दफ़नाओ,
मुझे उम्मीद है उस के आने की।


उमीदे टूटी तो उमीद करना छोड़ दिया,
सपने टूटे तो सपने देखना छोड़ दिया,
जबसे दिल टूटा है, साँसे तो ले रहे है,
पर अब उन्होंने जीना छोड़ दिया।

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अब ना मैं हूँ, ना बाकी हैं ज़माने मेरे,
फिर भी मशहूर हैं शहरों में फ़साने मेरे,
ज़िन्दगी है तो नए ज़ख्म भी लग जाएंगे,
अब भी बाकी हैं कई दोस्त पुराने मेरे।


विश्वास बन के लोग ज़िन्दगी में आते है,
ख्वाब बन के आँखों में समा जाते है,
पहले यकीन दिलाते है की वो हमारे है,
फिर न जाने क्यों बदल जाते है।


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